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अहङ्कारः अनर्थाय (उपपदविभक्तयः) |
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परिचयः (हलन्तपुंलिङ्गशब्दाः - प्रथमाविभक्तिः) |
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वर्षाकालः (हलन्तस्त्रीलिङ्ग-नपुंसकलिङ्गशब्दाः) |
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4 |
सोत्साहानां नास्त्यसाध्यम् (हलन्तशब्दाः द्वितीया-तृतीया-चतुर्थीविभक्तयः) |
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5 |
विपदि भवेत् धैर्यम् (हलन्तशब्दाः पञ्चमी-षष्ठी- सप्तमीविभक्तयः) |
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6 |
प्रयत्नो विधेयः (हलन्तशब्दाः - सप्तसु विभक्तिषु) |
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7 |
धूर्तसंहारः (विशेषणविशेष्यभावः) |
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8 |
सर्वे कर्मवशाः वयम् (सर्वनामशब्दाः |
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9 |
धीरा बाला (सर्वनामशब्दाः) |
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10 |
गणनां कुर्मः (सङ्ख्यासु लिङ्गभेदः) |
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11 |
अस्माकं राष्ट्रियदिनदर्शिका (पूरणप्रत्ययान्ताः) |
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12 |
एकः पापानि कुरुते (चित्-चन- -प्रयोगः) |
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13 |
भ्रातृमेलनम् (आत्मनेपदिनां धातूनां परिचयः - लट्लकारः) |
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14 |
सर्वे मम बान्धवाः (आत्मनेपदिनः धातवः - लोट्लकारः) |
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15 |
सागरतीरविहारः (आत्मनेपदिनः धातवः - लृट्लकारः) |
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16 |
चिन्तां मा कुरु (सम्भावनार्थे विधिलिङ्लकारः) |
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17 |
वयं मिलित्वा कार्यं कुर्मः (विध्यर्थे विधिलिङ्लकारः) |
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धीरमाता विदुला (आत्मनेपदिनः धातवः - लङ्लकारः विधिलिङ्लकारश्च) |
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19 |
यदि अध्ययनम् अकरिष्यं तर्हि..... (लुङ्लकारस्य प्रयोगः) |
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संस्कृतिः संस्कृताश्रिता (कर्मणिप्रयोगः - वर्तमानकाले) |
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त्यक्ताहकारेण भाररहितेन भूयते (भावे प्रयोगः - वर्तमानकाले ) |
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जन्तुशाला वीक्ष्यताम् (कर्मणि / भावेप्रयोगः - लोट्लकारः ) |
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परेषां दुःखं स्वदुःखम् (कर्मणि / भावेप्रयोगः - लङ्लकारः ) |
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अस्माभिः साहाय्यं क्रियेत (कर्मणि / भावेप्रयोगः - लिङ्लकारः ) |
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लोकहितं मम करणीयम् (तव्यत्-अनीयर्-प्रत्ययौ) |
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किं कारणं भवामि मूर्खः ? (शतृप्रत्ययान्तानां प्रयोगः) |
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सर्पाणां कुतः कर्णौ न भवतः ? (शानच्प्रत्ययान्तानां प्रयोगः) |
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परिशिष्टम् |
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